सोमवार, 15 नवंबर 2010

भगवान की महिमा अपरम्पार है।

                   भगवान  की महिमा अपरम्पार  है। उनके बारे में इतनी बातें प्रचालित हैं कि साधारणत: लोगों को विश्वास ही नहीं होता खासकर विज्ञान तो ऐसी बातों को सिरे से ही नकार देता है।
पर मामला जब आस्था से जुड़ा होता है तो विश्वास करना ही पड़ता है। ऐसा ही स्थान जहां आस्था विज्ञान पर भारी पड़ती है- उज्जैन स्थित काल भैरव का है।
                   यहां की विशेषता है कि यहां भगवान यानि काल भैरव शराब पीते हैं और उन्हें बाकायदा शराब का ही प्रसाद चढ़ाया जाता है।
काल भैरव को उज्जैन का क्षेत्रपाल कहा जाता है। यह स्थान भैरवगढ़ के नाम से प्रसिद्ध है। भैरव महाराज का मंदिर एक ऊंचे टीले पर बना हुआ है जिसके चारों ओर परकोटा बना हुआ है।
कहते हैं प्राचीन समय में यहां प्रवेश द्वार के ऊपर चौघडिय़े बजा करते थे। मंदिर में काल भैरव की मूर्ति बहुत भव्य एवं प्रभावोत्पादक है। कहा जाता है कि यह मंदिर राजा भद्रसेन द्वारा निर्मित है।
मंदिर की शोभा देखते ही बनती है। मंदिर पर भैरव अष्टमी को यात्रा होती है जिसमें सवारी भी निकलती है। पुराणों में जिन अष्टभैरव का वर्णन है, उनमें ये प्रमुख हैं। 

                  यहां की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि यहां काल भैरव की प्रतिमा को शराब का प्रसाद चढ़ाया जाता है और बाकायदा मूर्ति शराब पीती भी है। पूरे देश में शराब का खुलेआम विक्रय करना अपराध है पर यहां मंदिर में चढ़ाने के लिए शराब खुले आम बेची जाती है।
कई बार विज्ञान ने इस आश्चर्य पर अविश्वास प्रकट किया पर काफी छान-बीन के बाद अब विज्ञान भी इस चमत्कार को मानने के लिए बाध्य है। अपनी इस विशेषता के कारण आज यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध हो गया है।
भगवान का अनूठा चमत्कार देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आते हैं।

 कौन हैं भगवान काल भैरव?
 
                     भैरव शब्द का अर्थ ही होता है - भीषण, भयानक, डरावना. भैरव को शिव के द्वारा उत्पन्न हुआ या शिवपुत्र माना जाता है. भगवान शिव के आठ विभिन्न रूपों में से भैरव एक है. वह भगवान शिव का प्रमुख योद्धा है. भैरव के आठ स्वरूप पाए जाते हैं. जिनमे प्रमुखत: काला और गोरा भैरव अतिप्रसिद्ध हैं.

                 हमने शक्ति  सिंह  नामक एक भक्त से इस बाबत चर्चा की। शक्ति   ने बताया ‘वे   इंदौर के रहने वाले हैं और हर रविवार कालभैरव को मदिरा का भोग लगाने जरूर आते हैं। शक्ति सिंह बताते हैं, पहले-पहल वे भी यह जानने की कोशिश करते थे! काल भैरव शराब पीते हैं  या  आखिर शराब जाती कहाँ हैं, लेकिन अब उन्हें पक्का विश्वास है शराब का भोग भगवान कालभैरव ही लगाते हैं !
 
आप  कैसे पहुंच : - भोपाल-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर स्थित उज्जैन एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां हर गाड़ी रुकती है।मध्य-प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर से उज्जैन मात्र 60 किलोमीटर दूर है। यह दूरी बसों से आसानी से पूरी की जा सकती है।



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आपका योगेन्द्र
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गुरुवार, 11 नवंबर 2010

छात्र संघ चुनाव

आगरा :- अंबेडकर विवि और उससे संबंधित महाविद्यालयों में छात्रों की ओर से छात्रसंघ चुनाव को चलाई जा रही मुहिम पर प्राचार्यों ने सहमति दे दी है. इसी परिप्रेक्ष्य में शुक्रवार को विवि परिसर में छात्र पंचायत हो रही है. छात्र संघ चुनाव संघर्ष समिति ने कुलपति प्रो. केएन त्रिपाठी को 11 नवंबर तक का समय दिया था. 12 नवंबर को विवि परिसर में ही चुनाव को लेकर छात्रों की महापंचायत होने जा रही है. इससे पूर्व बुधवार को संघर्ष समिति के बैनर तले छात्र नेता शहीद स्मारक पर इकट्ठा हुए. यहां से वाहनों से जुलूस के रूप में बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय पहुंचे. प्राचार्य एसआर तनेजा ने छात्र संघ चुनावों को लेकर सकारात्मक जवाब दिया. बीडी जैन कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सुजाता ने भी संघर्ष समिति पदाधिकारियों को छात्रसंघ चुनाव पर सहमति जताई. उन्होंने जल्द ही महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव करवाने का आश्वासन भी दिया. संघर्ष समिति के संयोजक अतुल दुबे 12 नवंबर को होने वाली छात्र पंचायत में ज्यादा से ज्यादा छात्रों से शिरकत करने की अपील की है ने. प्राचार्यों से मुलाकात के दौरान श्रेयस यादव, हरिओम रावत, मदन मोहन शर्मा, केवीएस परमार, राज कुमार, अरविंद राणा, सवाई सिंह राजपुरोहित ,देवेंद्र सिंह, हरवीर सिंह चाहर, विवेक जादौन, सुनील शाक्य, निर्मेश शर्मा, शक्ति  सिंह , सौरभ पाराशर, संजय पचौरी, किशन सिंह परिहार, अंकित सोलंकी, मयंक बंसल, अभिषेक चौहान, योगेद्र  सिंह थे