रविवार, 3 अप्रैल 2011

क्रिकेट के भगवान सचिन का एक सपना



क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर सचिन तेंदुलकर का शतकों का महाशतक बनाने का सपना भले ही अधूरा रह गया हो लेकिन क्रिकेट विश्वकप जीतने का उनका सपना पूरा हो गया।

 


और  28 साल बाद मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शनिवार को 121 करोड़ हिंदुस्तानियों का सपना पूरा हो गया। धौनी के शेरों ने हमें फिर से क्रिकेट का विश्व चैंपियन बना दिया। 49वें ओवर में धौनी के विजयी छक्का लगाते ही पूरा देश झूम उठा। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने कोलकाता में 1996 विश्व कप सेमीफाइनल में श्रीलंका से मिली हार का बदला भी ले लिया। सचिन ने इस मैच में अपना महाशतक भले ही नहीं पूरा किया, लेकिन उन्होंने आज अपने जीवन का सबसे बड़ा दिन जी लिया। जीत के बाद खिलाडि़यों और क्रिकेट प्रेमियों की आंखों में कहीं खुशी के और कहीं गम के आंसू थे
 और मेरी कालोनि  में देर रात तक आतिशबाजी होती रही। ढोल नगाड़ों की थाप पर लोग झूमते रहे और लोगों की टोलियां सड़कों पर झंडा लहराती हुई टीम इंडिया की जय हो के नारे लगाती रहीं

6 टिप्‍पणियां:

  1. सच में चरों और जश्न का माहौल है.....नवसंवत्सर और वर्ल्ड कप घर आने की बधाइयाँ.....

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  2. सुंदर लेख, सुंदर विवेचना. अब तो भारत विश्व विजयी भी बन गया है.

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  3. बहुत सुन्दर लेख..वर्ल्ड कप जीतने और नवसंवत्सर की हार्दिक बधाई.

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  4. योगेन्द्र जी नमस्ते !
    पहली बार आपके ब्लॉग पे आया. आपके सरे पोस्ट पढ़े बहुत सुन्दर प्रस्तुति है आपका!!
    बहुत सुन्दर लेख..
    इस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हमारा नव संवत्सर शुरू होता है. इस नव संवत्सर पर आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं....

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  5. आप सभी का इस पोस्ट पर आपकी प्रतिकिरिया मिली इस हेतु आपका तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ!

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