मंगलवार, 8 मार्च 2011

महिला दिवस की सार्थकता क्या है

महिला दिवस की सार्थकता समग्र रूप से हमारे देश में आज भी कानून तो हैं, पर उनका पालन नहीं है। आज भी नारी शोषित तबके की ही है। ऐसा हाल तब है जब देश की सर्वोच्च सत्ता महिला, सबसे बड़ी पार्टी की अध्यक्ष महिला, सबसे बड़े प्रदेश की मुख्यमंत्री भी महिला हैं। हर कोई कुछ न कुछ कहीं न कहीं दोषी है। अगर हमें इसे दूर करना है तो सोच बदलनी होगी। तभी महिला दिवस की सार्थकता साबित होगी।  

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपके ब्लॉग पर तो पहली बार आई, पर बहुत अच्छा लगा. आप अच्छा लिखते हैं.

    'पाखी की दुनिया' में भी आपका स्वागत है.

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  2. रंग के त्यौहार में
    सभी रंगों की हो भरमार
    ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
    यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।

    आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो। आपकी सारी इच्छाएं पूर्ण हो व सपनों को साकार करें। आप जिस भी क्षेत्र में कदम बढ़ाएं, सफलता आपके कदम चूम......

    होली की खुब सारी शुभकामनाये........

    सुगना फाऊंडेशन-मेघ्लासिया जोधपुर,"एक्टिवे लाइफ"और"आज का आगरा" बलोग की ओर से होली की खुब सारी हार्दिक शुभकामनाएँ..

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  3. आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा अति उत्तम असा लगता है की आपके हर शब्द में कुछ है | जो मन के भीतर तक चला जाता है |
    कभी आप को फुर्सत मिले तो मेरे दरवाजे पे आये और अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाए |
    http://vangaydinesh.blogspot.com/
    धन्यवाद

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